मेरी बात सुनो बेटा! (कविता) स्वैच्छिक प्रतियोगिता हेतु 06-Jul-2024
मेरी बात सुनो बेटा!
मेरी बात सुनो बेटा संकल्प स्वयं से कर लेना, तन-मन दोनों ना नाजुक हो फौलाद सा इसको कर लेना। सोने सा तुम्हारा हर सपना हर सपना पूर्ण तुम्हारा हो, बेटा ऐसा करतब करना खुशियों का बाग हमारा हो। उस बाग की एक भी कलियों को भूले से न मुरझाने देना, मेरी बात सुनो बेटा संकल्प स्वयं से कर लेना।
पीयूष स्रोत उर धारण कर तुम पर न्योछावर कर देते, इन सपनों और विश्वासों को कभी जरा चटकने ना देना। हिम्मत,साहस,संघर्ष के संग तुम भवसागर में उतर जाना, लक्ष्मण रेखा खुद खींच के तुम कभी पास उसे ना कर जाना। ख़ुद हेतु ही ख़ुद का नियम बना सख़्ती से पालन कर लेना, मेरी बात सुनो बेटा संकल्प स्वयं से कर लेना।
कभी आंँख में आंँसू ना लाना यदि आए तो ना दिखलाना, कभी फूल सा ख़ुद को बनाना ना हालातों से घबराना ना। तू हवा व फूल सा बन जाना तुझे रोक सकेगा जमाना ना, मीठे झूठ से दूर बच करके कड़वे सच को अपना लेना। कमज़ोर नहीं कोमल बनना कभी करकश्ता अपनाना ना, मेरी बात सुनो बेटा संकल्प स्वयं से कर लेना।
यह जन्म दिवस तेरा शुभ हो शुभ हो जीवन की हर घड़ियाँ, अंतर्आत्मा को संयम रख कटु वचन को मीत बनाना ना। तेरे काज पे गौरवान्वित होऊँ सूरज से चमक को अपनाना, मेरी रूह से तेरा रूह मिले बुझती मुस्कान तू बन जाना। बस आज तुझे दूँ दुआ यही तू ज्ञान का दीपक बन जाना, मेरी बात सुनो बेटा संकल्प स्वयं से कर लेना।
साधना शाही, वाराणसी, उत्तर प्रदेश
मेरी बात सुनो बेटा संकल्प स्वयं से कर लेना, तन-मन दोनों ना नाजुक हो फौलाद सा इसको कर लेना। सोने सा तुम्हारा हर सपना हर सपना पूर्ण तुम्हारा हो, बेटा ऐसा करतब करना खुशियों का बाग हमारा हो। उस बाग की एक भी कलियों को भूले से न मुरझाने देना, मेरी बात सुनो बेटा संकल्प स्वयं से कर लेना।
पीयूष स्रोत उर धारण कर तुम पर न्योछावर कर देते, इन सपनों और विश्वासों को कभी जरा चटकने ना देना। हिम्मत,साहस,संघर्ष के संग तुम भवसागर में उतर जाना, लक्ष्मण रेखा खुद खींच के तुम कभी पास उसे ना कर जाना। ख़ुद हेतु ही ख़ुद का नियम बना सख़्ती से पालन कर लेना, मेरी बात सुनो बेटा संकल्प स्वयं से कर लेना।
कभी आंँख में आंँसू ना लाना यदि आए तो ना दिखलाना, कभी फूल सा ख़ुद को बनाना ना हालातों से घबराना ना। तू हवा व फूल सा बन जाना तुझे रोक सकेगा जमाना ना, मीठे झूठ से दूर बच करके कड़वे सच को अपना लेना। कमज़ोर नहीं कोमल बनना कभी करकश्ता अपनाना ना, मेरी बात सुनो बेटा संकल्प स्वयं से कर लेना।
यह जन्म दिवस तेरा शुभ हो शुभ हो जीवन की हर घड़ियाँ, अंतर्आत्मा को संयम रख कटु वचन को मीत बनाना ना। तेरे काज पे गौरवान्वित होऊँ सूरज से चमक को अपनाना, मेरी रूह से तेरा रूह मिले बुझती मुस्कान तू बन जाना। बस आज तुझे दूँ दुआ यही तू ज्ञान का दीपक बन जाना, मेरी बात सुनो बेटा संकल्प स्वयं से कर लेना।
साधना शाही, वाराणसी, उत्तर प्रदेश
madhura
07-Jul-2024 10:13 AM
V nice
Reply